न्यूज नजर : सावन 2023 में आज शुक्रवार को नाग पंचमी त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसे लेकर लोगों के बीच खासा उत्साह है। खासकर बिहार में नाग पंचमी पर्व को लेकर बाजार आम और कटहल से पट गया है। रविवार की देर शाम तक बाजार में आम और कटहल सहित अन्य सामग्रियों की खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती रही।
ऐसा करने से घर में नाग सुरक्षा रहती है। नागों को दूध से पूजा करने से अक्षय प्राप्त होती है सुख शांति मिलती है। सर्पों को पूजा के तौर पर चढ़ाने वाले कोई भी चीज नाग देवता तक पहुंचेगा ऐसा लोगों की मान्यता हैं। इस दिन प्रमुख रूप से 8 या 9 नागों की पूजा की जाती है ।
ऐसी भी मान्यता है कि नागों की क्रोध से बचने के लिए यह पूजा की जाती है और साथ ही साथ संतान प्राप्ति के लिए। नागों की पूजा करने से पुत्र लाभ सौभाग्य तथा घर में रौनक आ जाएगा। यदि हम पूजन विधि के बारे में बात करें तो, अनंत, वासुकी, पदम ,महापदम, तक्षक ,कोलिक, कर्कड और शंख नामक आठ नागों की पूजा इस दिन करते हैं। इस व्रत के देव 8 नाग माने जाते हैं। पूजा करने के लिए नागों की मूर्ति या तस्वीर का इस्तेमाल करते हैं। मिट्टी से सांप की मूर्ति बनाकर लकड़ी की चौकी के ऊपर रखकर फिर हल्दी, रोली, चंदन और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करता है । कच्चा दूध, शहद, चीनी घी मिलाकर नाग देवता की स्नान करवाता है।
पूजा के बाद सर्प देवता की आरती चंदन कुमकुम बेलपत्र पुष्पमाला निवेद फल और तांबूल चढ़ाकर करता है ।सुगंधित फूल और चन्दन नाग देवता को बहुत प्रिय होते हैं। “ऊं कुरुकुल्य हूं फट स्वाहा” मंत्र के उच्चारण से ही नाग पंचमी की पूजा की जाती है। यदि किसी की कुंडली में सर्प दोष हो तो इस मंत्र के उच्चारण के साथ पूजा करने से दोष निकल जाएगा ऐसा मान्यता है।
यह भी मानते हैं कि लोग नाग पंचमी के दिन भूमि की खुदाई नहीं करना चाहिए और ना ही हल चलाना चाहिए ।जिसकी कुंडली में नाग दोष है वे इस दिन नाग और शिव की पूजा करने से नाग दोष चला जाएगा । अनंत काल से नाग दोष से पीड़ित व्यक्ति एक मुख्य आठ रुद्राक्ष पहने ,जिसका खराब स्वास्थ्य रहता है इस दिन रागी का सिक्का बहते पानी में प्रवाहित करें तो सारा का सारा दोष दूर हो जाएगा। साथ ही साथ नाग पंचमी के एक दिन पहले रात को सिरहाने पर बाजरा रखकर कल सुबह पक्षियों को खिलाने का भी रिवाज है। इस प्रकार नाग पंचमी के दिन हमारे भारत वासियों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है।