वाराणसी। देव दीपावली पर भगवान विश्वनाथ की नगरी काशी के 84 घाट 51 लाख दीपकों से जगमगाएंगे। त्रिपुणी पूर्णिमा के नक्षत्र के लगते ही एक अलौकिक घटना में भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल से राश्रम त्रिपुरासुर का वध हो जाएगा और देवताओं का धरती के सुंदर वन पर पदार्पण होगा। तब गंगा के किनारे काशी में देवता खुशी का इजहार करते हुए देव-दीपावली मनाएंगे।
देव-दीपावली को लेकर काशी में एक अद्भुत मान्यता है। यहां के लोगों का मानना है कि त्रिपुरासुर ने देवताओं को छल से हरा दिया और एक के बाद एक नगरों को जीतते गया। जब त्रिपुरासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण किया तो देवता भाग निकले और भगवान शिव की तपस्या भंग करते हुए उनसे राक्षस के वध की विनती की।
तब देवताओं के आह्वान पर भगवान शिव ने त्रिशूल धारण किया और उसी से राक्षस का वध किया। इस घटना के बाद देवताओं ने काशी में आ कर गंगा किनारे रोशनी की और यहीं पर्व भविष्य में देव-दीपावली के नाम से विख्यात हो गया।
ये पर्व हिन्दू मान्यताओं का पर्व है। इसमें गंगा के किनारे भगवान शिव की स्तुति की जाती है।
25 नवम्बर को
25 नवम्बर को वाराणसी में देव दीपावली पर्व मनाया जाएगा। इसके लिए अलग अलग समितियों ने विभिन्न घाटों पर अपनी अपनी तैयारियां कर ली हैं। मुख्य रूप से केदार घाट, अस्सी घाट, अहिल्याबाई घाट, शीतला घाट, आरपी घाट और दशाश्वमेध घाट पर देव-दीपावली आकर्षण का केन्द्र रहेगा।
इसमें दशाश्वमेध घाट पर होने वाली देव दीपावली की संयोजक संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांतु मिश्र ने बताया कि इस बार घाट पर इंडिया गेट का माडल तैयार हुआ है। यहां पर शाम को शहीदों को सलामी दी जाएगी। इसके अलावा राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को नमन भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त दस हजार दीयो से घाटों को सजाया जाएगा।
अभिनेत्री सोनम कपूर भी आएंगी
वाराणसी में देव-दीपावली को देखने के लिए देश दुनिया से लाखों लोग पहुंचते हैं। इस बार अभिनेत्री सोनम कपूर दशाश्वमेध घाट की आरती में शामिल होंगी। उनके आने की संस्तुति गंगा सेवा निधि ने की है। वह दशाश्वमेध घाट से देव-दीपावली देखेंगी और दीये जलाकर भगवान शिव की पूजा भी करेंगी।
पांच से दस हजार रुपए में नावें बुक
देव-दीपावली पर्व पर विदेशी सैलानियों की आवक को देखते हुए सभी नावें बुक हो चुकी हैं। टूरिस्ट गाइड, होटल और लॉज प्रबंधन ने पर्यटकों के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए दर्जनों नावों को एक बार में बुक कर लिया जाता है। एक नाविक को सारी रात के लिए पांच से दस हजार रुपए मिलते हैं। नाविक संघ के प्रवक्ता प्रभु ने बताया कि बनारस में सभी नावें बुक हो चुकी हैं।