न्यूज नजर : महाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा करने से सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है। मां महागौरी की कृपा से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट मिट जाते हैं।
आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है, जिसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जानते हैं। इस दिन मां महागौरी की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। कई वर्षों तक कठोर तप के कारण मां पार्वती का रंग गौर वर्ण का हो गया था, भगवान शिव ने उनको गौर वर्ण का वरदान दिया, जिससे वो महागौरी कहलाईं।
महाष्टमी के दिन मां महागौरी के दिए गए बीज मंत्र, प्रार्थना, स्तुति मंत्र का जाप करें और मां महागौरी की आरती करें। आपकी पूजा और श्रद्धा से प्रसन्न होकर माता आपकी मनोकामनाओं को पूरी करेंगी।
मां महागौरी की प्रार्थना
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
मां महागौरी की स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मंत्र
1. माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
2. ओम देवी महागौर्यै नमः।
मां महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।
चंद्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।