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दीप जलाने से अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की प्रेरणा मिलेगी : गायत्री परिवार

हरिद्वार। गायत्री परिवार ने कहा कि रविवार की रात नौ बजकर नौ मिनट पर अपने- अपने घरों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए दीप जलाने से अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की प्रेरणा मिलेगी।

 

अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख  डॉ. प्रणव पंड्या ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश से देशवासियों में अच्छे काम के लिए एक जुटता पैदा होगी, मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और उन्हें लगेगा कि हम अच्छे काम के लिए घर में हैं। इससे लोगों में निराशा की भावना का अंत होगा। घर की लाइटें बंद करके दीए जलाएंगे, तो आपको अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की प्रेरणा मिलेगी।

अंधकार चाहे कितना भी घना क्यों न हो, प्रकाश से निकली ऊर्जा उसका अंत अवश्य करेगी। उन्होंने इसके एक साथ 24 गायत्री महामंत्र और 24 बार महामृत्युंजय मंत्र के साथ भावनात्मक आहुतियाँ प्रदान करने की बात कही।

पंड्या ने कहा पुराणों में दीपक के विषय में मूल बात यह लिखी कि दीप ज्योति परब्रह्म, दीप ज्योतिर्जनार्दनः, दीपो हरति मे पापं, दीप ज्योतिर्नमोस्तुते। दूसरा वाक्य है- शुभम करोति कल्याणम, आरोग्यम धन संपदः, शत्रुबुद्धि विनाशाय, दीपज्योतिर्नमोस्तुते।

दोनों वाक्य का आध्यात्मिक तत्व यही है कि श्लोक के माध्यम से स्वयं भगवान व्यास हमें बताना चाह रहे हैं कि दीपक की ज्योति श्रेष्ठ ब्रह्म है, उससे बड़ी शक्ति और उससे बड़ी सत्ता दूसरी नहीं। दीपक की ज्योति जनार्दन स्वरूप है और हमारे देश में जनता को भी जनार्दन स्वरूप कहा जाता है। इसलिए जब एक साथ असंख्य दीप प्रज्ज्वलित होंगे, तो जनार्दन स्वरूप प्रकट होगा।

इस आह्वान के पीछे आध्यात्मिक सिद्धांत पर मनीषियों ने कहा कि जब एक साथ असंख्य दीप जगमगाएंगे, तो नौ मिनट की उस घड़ी में सूर्य के समान एक विशेष ऊर्जा पुंज प्रकट होगा और वह अंधकार को दूर कर रोगों का नाश करेगा। हमें आरोग्य प्राप्त होगा और चरमराई अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की शक्ति मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से पुनः एक संकल्प निभाने का आह्वान किया है। उन्होंने रविवार पांच अप्रेल की रात नौ बजकर नौ मिनट पर लाईट बंदकर दीपक जलाने की अपील की है।

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