इलाहाबाद। सदी के सबसे लम्बे चन्द्र ग्रहण के बाद गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के तट पर बढ़ते जलस्तर के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
चंद्र ग्रहण शुक्रवार रात 11 बजकर 54 मिनट से हुआ और शनिवार तड़के तीन बजकर 49 मिनट पर समाप्त हुआ। शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक शुक्रवार को अपराह्न दो बजकर 54 मिनट पर लग गया था।
सूतक के बाद मदिरों के कपाट बंद कर दिए गये थे। चन्द्र ग्रहण समाप्त होने पर मंदिरों की साफ-सफाई करने के बाद कपाट खुल गये और शंख ध्वनि और घंटे-घड़ियाल के बीच दर्शनार्थियों ने पूजा-अर्चना शुरू की।