न्यूज नजर: सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण बीत चुका है। ग्रहणकाल समाप्त होने के बाद शुद्धि के लिए आपने कुछ किया या नहीं? जानिए शास्त्रों के अनुसार क्या करना जरूरी है।
27 जुलाई को साल 2018 का दूसरा चंद्र ग्रहण दिखा। ग्रहण रात 11.54 से शुरू होकर अगले दिन 28 जुलाई सुबह 3.49 तक रहा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण था, जो कि 3 घंटे 55 मिनट तक चला। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता, ना ही पूजा की जाती है और ना ही खाना खाया या बनाया जाता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को ग्रहण के दौरान बहुत ज्यादा ही सावधानियां बरतने को कहा जाता है।
ग्रहण के बाद भी इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए यह करते हैं लोग
– लोगों की मान्यता है कि ग्रहण के तुरंत बाद किसी भी काम को करने से पहले नहाना चाहिए।
– सिर्फ खुद को ही नहीं बल्कि घर में मंदिर में मौजूद सभी भगवानों की मूर्तियों को भी नहलाना या फिर गंगाजल छिड़कना चाहिए।
– मूर्तियों और खुद को नहलाने के बाद पूरे घर में धूप-बत्ती कर शुद्धीकरण किया जाना चाहिए।
– घर में या बाहर मौजूद तुलसी के पौधे को भी गंगाजल डालकर स्वच्छ करना चाहिए।
– कुछ लोग तो अपने घरों को भी पानी से धो डालते हैं.
–मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए।
– सिर्फ खुद को ही नहीं बल्कि घर में मंदिर में मौजूद सभी भगवानों की मूर्तियों को भी नहलाना या फिर गंगाजल छिड़कना चाहिए।
– मूर्तियों और खुद को नहलाने के बाद पूरे घर में धूप-बत्ती कर शुद्धीकरण किया जाना चाहिए।
– घर में या बाहर मौजूद तुलसी के पौधे को भी गंगाजल डालकर स्वच्छ करना चाहिए।
– कुछ लोग तो अपने घरों को भी पानी से धो डालते हैं.
–मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए।
यह होता है चंद्रग्रहण
जब सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती हुई पृथ्वी एक सीध में अपने उपग्रह चंद्रमा तथा सूर्य के बीच आ जाती है, तो चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें रुक जाती हैं, और पृथ्वी की प्रच्छाया उस पर पड़ने लगती है, जिससे उसका दिखना बंद हो जाता है। इसी खगोलीय घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है।
जब सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती हुई पृथ्वी एक सीध में अपने उपग्रह चंद्रमा तथा सूर्य के बीच आ जाती है, तो चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें रुक जाती हैं, और पृथ्वी की प्रच्छाया उस पर पड़ने लगती है, जिससे उसका दिखना बंद हो जाता है। इसी खगोलीय घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है।