जोशीमठ के नृसिंह बदरी मंदिर में धर्माधिकारी, उप धर्माधिकारी, मंदिर पुजारियों एवं हक हकूकधारियों ने सबसे पहले प्रवेश द्वार गणेश पूजन किया। वैदिक पूजाओं के बाद महालक्ष्मी के मंदिर प्रांगण में हवन एवं अनुष्ठान किया गया। रावल ने सभी पुरोहितों एवं हक हकूकधारियों संग भगवान नृसिंह के दर्शन कर अराध्य गद्दी एवं गाडू घड़ा को बदरीनाथ धाम ले जाने की अनुमति मांगी।
वर्ष 1962 से बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल बीआरओ के वाहन से ही जोशीमठ से बदरीनाथ तक पहुंचते हैं। नृसिंह मठांगन में गाए मांगल गीत : इस दौरान अराध्य गद्दी को मठांगन में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया। महिलाओं ने पुष्प वर्षा कर मांगल गीत गाए। गढ़वाल स्काउट के बैंड की धुन के साथ गद्दी, रावल एवं गाडू घड़ा को बदरीनाथ के लिए रवाना किया गया।
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उद्धव एवं कुबेर के शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर पहुंचने पर लोगों ने डोली, रावल एवं गाडू घड़ा का स्वागत किया। महिलाओं ने झुमेलो, दांकुडी चांचडी नृत्य किया। अब सुबह रावल धर्माधिकारी की मौजूदगी में पांडुकेश्वर के कुबेर एवं उद्धव मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।