रमजान में एक माह की कठिन साधना पूरी हुई। अल्लाह की इबादत में रोजा रखा तरावीह पढ़ी, नमाज अदा की और इफ्तार किया। भूख-प्यास की चिंता छोड़ अल्लाह की बंदगी में अपना ध्यान लगाए रखा।
रोजेदारों को रविवार रात जैसे ही चांद के दीदार की खबर मिली, हर तरफ खुशियां बिखर गई। ईदुल फितर का ऐलान हो गया। चांद का दीदार होते ही मुसलिम बहुल इलाकों में आतिशबाजी की गई। लोगों ने एक दूसरे को गले लग ईद की अग्रिम बधाई दी।
सोमवार को पूरे देश में मीठी ईद मनाई जाएगी। लोग एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देंगे। दूसरे समुदाय के लोग भी मुसलिम भाइयों को शुभकामनाएं दे रहे हैं। सर्वत्र खुशियों का ज्वार उठ रहा है।
इस्लाम में चांद का बहुत महत्व है। इस्लामी महीना चांद से ही चलता है। इस्लामी महीना 29 या 30 दिनों का होता है। चांद देखना मुसलमानों के लिए लाजमी है। हालांकि लोग इस जिम्मेदारी से दूर भागते जा रहे हैं। सिर्फ ईद और बकरीद के चांद को देखते हैं, वह भी सारे लोग नहीं।
ईद की नमाज से पहले हर मुसलमा को फितरा की रकम निकालना अनिवार्य है।