न्यूज नजर : आज 14 सितंबर 2018 शुक्रवार को ऋषि पंचमी है। इस दिन माहवारी कन्याएं और महिलाएं अपनी गलतियों को सुधारने के लिए ऋषि पंचमी का व्रत रखती है।
हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी व्रत को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है। हालांकि ज्यादातर महिलाएं इस व्रत के बारे में नहीं जानती है। ऋषि पंचमी के दिन पूजा करने से माहवारी के समय हुई गलतियों से महिलाएं दोषमुक्त हो जाती हैं।
ब्रह्मा पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पंचमी को इनकी पूजा अर्चना की जाती है यानी हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी के अगले दिन इनका व्रत होता है।
माहवारी के समय महिलाएं सबसे अधिक अपवित्र मानी जाती है। ऐसे समय कई महिलाएं नियमों से भटक जाती है और जाने-अनजाने में उनसे भूल हो जाती है। लेकिन ऋषि पंचमी के दिन सच्चे मन से पूजा करने पर और उपवास रखने पर दोष-बाधाएं दूर होती है और इन श्रापों से मुक्ति मिलती है।
दोष से बचने के लिए ऐसे करें पूजा
ऋषि पंचमी पर सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो नदी में स्नान करें वरना घर पर ही गंगाजल पानी में डालकर स्नान करें। घर में जिस स्थान पर पूजा करना है उसे स्वच्छ कर लें। इसके बाद हल्दी से चौकोर मंडल और गाय के गोबर से चैका पूरा करें। लकड़ी के पाटा या पिढ़वा पर सप्त ऋषि बनाकर उनकी स्थापना करें और उनकी पूजा करें।
इसके बाद कलश की स्थापना करें। तत्पश्चात उपवास का संकल्प लें। अंत में सात गोदान तथा सात युग्मक.ब्राह्मण को भोजन करा कर उनका विसर्जन करें।
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