नई दिल्ली। गणेश भक्तों का प्रिय त्योहार गणेश चतुर्थी 25 अगस्त को है। इस बार गणेशोत्सव 10 दिन की बजाय 11 दिन चलेगा। गणपति को अनन्त चतुर्दशी को विदाई दी जाती है। इस बार अनन्त चतुर्दशी 5 सितम्बर को है। यानी भक्त पूरे 11 दिन घरों में गणपति को विराजमान कर सकेंगे।
इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। हिंदू धार्मिक कैलेंडर के मुताबिक, गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को मनाई जाती है, मान्यता है कि भगवान गणेश का इस दिन जन्म हुआ था।
चतुर्थी के दिन श्रद्धालु भगवान गणेश की मूर्ति अपने घर लेकर आते हैं और विधि-विधान के साथ उसे स्थापित करते हैं। परिवार के सदस्य की तरह गणपति की सेवा पूजा करते हैं और इसके बाद उन्हें बकायदा अगले साल फिर आने का वादा लेकर विदा करते हैं।
यूं करें गणपति स्थापना
गणेश जी स्थापना के दिन सबसे पहले घर की सफाई करें और खुद स्नान करें। घर के कोने-कोने में धूप-अगरबत्ती जलाएं ताकि घर का शुद्दिकरण हो जाए।
अब कलश में पानी भरने के बाद उसका मुंह लाल रंग के कपड़े से ढंक दें। कलश में रोली और अक्षत भी डाल कर रख सकते हैं।अब कलश को गणेश जी के बगल में रख दीजिये। गणपति जी को फूल और नए रंगीन वस्त्रों से सजाना चाहिए। रोली, फूल चढ़ाते हुए सुगंधित धूप और दीप से गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।
उसके बाद उन्हें मोदक या लड्डू का भोग लगाना चाहिए। पूजा के दौरान “गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। गणपति अराधना करने के बाद आरती करनी चाहिए और प्रसाद लोगों में बांटना चाहिए।
यह आप पर निर्भर करता है कि अपने घर में गणेश जी को कितने दिनों के लिए लेकर आते हैं। लोग गणेश जी को 1 दिन या 3 दिन या 5 दिन या 7 दिन के लिए लाते हैं। कहीं-कहीं पर पूरे 10 दिन तक गणपति विराजते हैं। इसके बाद धूमधाम से उन्हें विदा देते हैं।
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