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इस बार चीनी राखियों का बहिष्कार होगा, केवल मौली बांधेंगी बहनें


नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन से चल रहे तनाव का असर अब भारतीय बाजार में चीनी उत्पादों की बिक्री पर पड़ रहा है। देशभर में इस बार रक्षाबंधन पर चाइनीज राखियां नहीं खरीदने की लहर देखी जा रही है। बहनों ने चीनी और दूसरी महंगी राखियों की बजाय शुभता का प्रतीक मौली का धागा भाइयों की कलाई पर बांधकर त्योहार मनाने का निर्णय लिया है।


अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधि के कारण केंद्र की मोदी सरकार देश में चीनी माल आना नहीं रोक सकती लेकिन आरएसएस और स्वदेशी जागरण मंच सहित कई संगठन देशवासियों से चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील में जुटे हैं।

इस मुहिम का असर है कि बहनें महंगी राखियां खरीदने से बच रही हैं। यही वजह है कि बाजार में चाइनीज राखियां बेचने वाले हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। सोशल मीडिया से लेकर आपसी चर्चा तक केवल मौली बांधकर रक्षाबंधन पर्व मनाने का संकल्प लिया और दिलाया जा रहा है। इससे चीन को अरबों रुपए का फायदा नहीं हो सकेगा।

मौली बांधना शुभता का प्रतीक

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