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आधी रात सांता क्लॉज बन गईं बहुचर्चित राधे मां

 

 

 

मुंबई। संजय गांधी उद्यान में बसे गरीबों एवं बोरिवली के फुटपाथों पर रहने वाले बेघर लोगों में मां राधे ने कंबल बांटे।

अचानक ही रात में किसी व्यक्ति को कंबल बांटते हुए देखकर फुटपाथ पर रहने वाले लोग हैरान हो गए। पहले तो उन्होंने राधे मां को सेंटा क्लाज समझा, पर जब सच्चाई जानी तो अवाक रह गए।

गौरतलब है कि मुंबई में इन दिनों गरीब लोग फुटपाथों पर रहकर ठंड से परेशान हैं। ऐसे समय में राधे मां ने तीन हजार से अधिक कंबल गरीबों में वितरित किया, ताकि वे ठंड से बच सकें।

ग्लोबल एडवरटाइजर्स के डायरेक्टर संजीव गुप्ता का कहना है कि राधे मां ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करने की कोशिश करती रहती हैं। इसीलिए बोरीवली के फुटपाथ पर गहरी नींद में सो रहे लोगों के लिए वे सेंटाक्लाज बन गईं और फुटपाथ पर सो रहे लोगों के पास गईं व धीरे से उन पर कंबल डाल दिया।

इसके बाद संजय गांधी उद्यान में बसे गरीबों के पास गईं, वहां पर उन्होंने महिला-पुरुष एवं बच्चों को ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़ों का वितरण किया। राधे मां ने लाल कलर का अपना चोला बना रखा था, जिसके चलते अधिकतर लोगों ने उन्हें सेंटा क्लाज समझ लिया।

उन्होंने बताया कि राधे मां जनसेवा के साथ ही गोसेवा में भी जुटी हैं। पिछले दिनों राधे मां अपने सेवादारों के साथ कांदिवली चारकोप में स्थित गोशाला गईं, वहां पर गायों को चारा-पानी दिया।