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आज मोहरात्रि यानी जन्माष्टमी पर कीजिए यह काम, मनोवांछित फल मिलेगा

न्यूज नजर : आज श्रीकृष्ण जन्मोत्सव है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर भजन कीर्तन, ध्यान में अपना दिन बिताएंगे। जगह-जगह कृष्ण लीलाओं की झांकियां सजेंगी। इससे इतर जन्माष्टमी की रात्रि को विशेष तांत्रिक ग्रंथों में मोह रात्रि कहा गया है। कहा जाता है कि इस रात की गई आकर्षण-वशीकरण की साधना कभी निष्फल नहीं जाती। कृष्ण जन्मदिवस होने के कारण इस दिन की गई कृष्ण साधना का अचूक फल प्राप्त होता है। अपने जीवन की विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए भी इस दिन विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं जिनमें सफलता प्राप्त होती ही है।

जानिए, किस फल के लिए क्या उपाय करना चाहिए

उत्तम संतान प्राप्ति के लिए

ज्यादातर दम्पती कृष्ण कन्हैया जैसी संतान की चाह रखते हैं तो जन्माष्टमी के दिन सन्तान प्राप्ति के लिए नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान पूर्वक जप करें।

मंत्र :
|| ऐं क्लीं देवकी सुत गोविंद, वासुदेव,
जगत्पते। देहि में तनय कृष्ण, त्वाम अहं शरणं गत: क्लीं ||

जन्माष्टमी के दिन सुबह एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उसके ऊपर बालगोपाल की मूर्ति या चित्र रखें। फिर उसके सामने कुश के आसन पर बैठकर उपरोक्त मंत्र की कम से कम 5 माला का जप अवश्य करें। इस जप के बाद कन्हैया को माखन-मिश्री का भोग लगाएं और अपने घर में सुंदर एवं स्वस्थ संतान के लिए भगवान से प्रार्थना करें। इसके बाद नित्य इस मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य ही करें , प्रभु की कृपा से आपको सुन्दर और गुणवान सन्तान की प्राप्ति होगी ।

स्थाई सुख समृद्धि के लिए

जन्माष्टमी की रात 12 बजे जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था उस समय भगवान श्री कृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने से भगवान द्वारकाधीश की कृपा से जीवन में स्थाई रूप से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है ।

 

मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए

 

जन्माष्टमी के दिन प्रात: दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें । इसके बाद यह उपाय हर शुक्रवार को करें । इस उपाय को करने वाले जातक से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इस उपाय को करने से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है ।

सर्व कार्य सिद्धि के लिए

जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी के मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम चढ़ाएं । ऐसी मान्यता है कि जो जातक जन्माष्टमी से शुरूआत करके कृष्ण मंदिर में लगातार सत्ताइस दिन तक जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते है, उसको जीवन में किसी भी चीज़ का आभाव नहीं रहता है।

धन लाभ के लिए

जन्माष्टमी के दिन प्रात: स्नान आदि करने के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर प्रभु श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला अर्पण करें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगते है धन लाभ के योग प्रबल होते हैं।

ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए


जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुतदाने अथवा चावल की खीर यथाशक्ति मेवे डालकर बनाकर उसका भोग लगाएं। उसमें चीनी की जगह मिश्री डालें एवं तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। इससे भगवान द्वारकाधीश की कृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति के योग बनते हैं।

जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए

जीवन में यश और सफलता प्राप्त करने के लिए जन्माष्टमी के दिन से नित्य माथे पर पीले चंदन या केसर में गुलाबजल मिलाकर उसका टीका लगाएं। इस उपाय से जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है, और समाज में यश भी मिलता है ।

धन-यश की प्राप्ति के लिए

भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहलाते हैं, पीतांबर धारी का अर्थ है जो पीले रंग के वस्त्र पहनने धारण करता हो। इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में भगवान के पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज व पीली मिठाई दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न रहते हैं, उस जातक को जीवन में धन और यश की कोई भी कमी नहीं रहती है।

 


व्यापार, नौकरी में तरक्की के लिए

कई बार काफी कोशिशों के बाद व्यापार, नौकरी में मनवाँछित सफलता नहीं मिल पाती है। इसलिए जन्माष्टमी के दिन अपने घर में सात कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें खीर या सफेद मिठाई खिलाकर कोई भी उपहार दें। ऐसा उसके बाद पांच शुक्रवार तक लगातार करें। इसे करने से माँ लक्ष्मी की कृपा से व्यापार, कारोबार में मनवाँछित सफलता मिलती है । जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करें फिर उसके बाद उस पत्ते पर रोली से श्री मंत्र लिखकर उसे अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय से लगातार धन का आगमन होता रहता है ।

परिवार में सुख शांति के लिए

जन्माष्टमी की संध्या पर घर में तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें, इससे परिवार में सुख शांति और प्रेम का वातावरण बना रहता है।

अस्थिरता-संघर्ष दूर करने के लिए

जन्माष्टमी के दिन प्रात: श्री कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान के गले में तुलसी के पत्तो की माला या जाप करने वाली तुलसी की माला डाल कर वहीं पर तुलसी की माला से ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ की 5 या 11 माला का जाप करने से जीवन में अस्थिरता एवं संघर्ष की स्थिति समाप्त होने लगती है ।