नई दिल्ली। पड़ोसियों को अक्सर पास वाले फ्लैट से किसी लड़की के रोने की आवाजें आती थीं। कई दिनों के सस्पेंस के बाद जब पड़ोसियों ने पुलिस को इत्तला दी और फ्लैट का दरवाजा खोला गया तो एक चौंकाने वाला राज सामने आया। फ्लैट में 17 वर्षीय किशोर बंद मिली।
आरोप है कि उसकी मां ने ही उसे दो साल से बंद कर रखा था। हालांकि किशोरी का कहना है कि वह मर्जी से अकेले रह रही है जबकि उसकी मां का कहना है कि बेटी अवसाद में है। इसलिए उसे तीन महीने पहले यहां छोड़कर गई थी।
मामला राजधानी के पांडव नगर इलाके का है। पुलिस ने किशोरी को मुक्त कराकर लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया है। किशोरी शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो चुकी है।
25/26, बी ब्लॉक, गणेश नगर में कृष्णा घोष (44) पति धनंजय घोष से करीब छह साल पहले अलगाव होने के बाद दो बेटियों के साथ रहती थीं। बड़ी बेटी 22 साल की है और प्राइवेट नौकरी करती है। उसकी कमाई से ही घर का खर्चा चलता है। जबकि छोटी बेटी को पड़ोसियों ने दो साल पहले आखिरी बार देखा था। तब उन्होंने सोचा कि वह अपने पिता के पास चली गई होगी।
तीन महीने पहले कृष्णा अपनी बड़ी बेटी के साथ और कहीं रहने चली गई। इधर पीछे से बंद फ्लैट से लड़की के रोने की आवाजें आने लगी। पड़ोसियों ने पुलिस को इत्तला दी तो पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच गई।
पुलिस ने दरवाजा खुलवाया तो भीतर कृष्णा की छोटी बेटी कमजोर हालत में मिली। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंंचाया। फ्लैट में एक बिस्तर, टेबल फैन, खराब फ्रीज और एक अलमारी थी।
पुलिस को किशोरी ने बताया कि वह अपनी मर्जी से फ्लैट में करीब दो-तीन माह से अकेली रह रही है। उसे लोगों से मिलना-जुलना पसंद नहीं है।
दूसरी ओर कृष्णा का कहना है कि पारिवारिक कलह के कारण उनकी बेटी अवसाद में थी। उसका इलाज चल रहा है। बहरहाल पुलिस कृष्णा और उसकी बड़ी बेटी से पूछताछ कर रही है।