संत बिना युक्ति नहीं और सत्संग बिना मुक्ति नहीं : हित अम्बरीश महाराज
अजमेर। यूं तो भगवान राम का नाम लेने से मानव मात्र पुण्य का भागी बनता है, इसके साथ ही भक्त 84 लाख बार राम नाम का लिखित जप कर ले तो वह भगवान का प्रिय होकर परमपद का अधिकारी हो जाता है। राम नाम के हस्तलेखन का संकल्प करने वाले साधकों की तपस्या का परिणाम … Continue reading संत बिना युक्ति नहीं और सत्संग बिना मुक्ति नहीं : हित अम्बरीश महाराज
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