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राम नाम की परिक्रमा हो गई तो मानो समूचे संसार की परिक्रमा कर ली

अजमेर। 54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की महापरिक्रमा का मौका कोई नहीं चूकना चाहता। हर दिन प्रभातफेरी के साथ परि​क्रमा का आगाज हो रहा है। देर शाम तक हजारों लोग परिक्रमा का लाभ उठा रहे हैं। आगामी 15 जनवरी तक महापरिक्रमा महोत्सव का आयोजन रहेगा। राम नाम में संपूर्ण संसार समाहित है। श्रद्धालू राम नाम की परिक्रमा कर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।

तीसरे दिन मंगलवार सुबह से श्रद्धालुओं ने परिक्रमा और शाम को ज्ञान, आध्यात्म और प्रवचनों की त्रिवेणी का आनंद लिया। दोपहर को पुष्पा जयसवाल व साथियों ने सुंदरकांड पाठ प्रस्तुति दी।

इस दौरान भक्त भावविभोर होकर झूम उठे। आप और हम व नाट्यवृन्द संस्था द्वारा भगवान राम को समर्पित देशभक्ति के ओतप्रोत नाट्य प्रस्तुति का उपस्थित भक्तों ने आनंद लिया। इस मौके इस्कॉन मंदिर की ओर से हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन प्रस्तुत किया गया।

परिक्रमा स्थल पर गनाहेड़ा धाम पुष्कर के महामंडलेश्वर दिव्य मोरारी बापू और सतीश महाराज का सान्निध्य मिला। बापू ने उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीराम नाम की महिमा और महत्व बताते हुए कहा कि मन, वचन और कर्म से राम का स्मरण होना चाहिए, इसके लिए राम नाम का अंकन यानी लेखन उत्तम मार्ग है। राम नाम लिखने के समय मन, वचन और कर्म तीनों एक जगह केन्द्रीत रहते हैं। इस दौरान संपूर्ण शरीर सर्वांगरूप से राम नाम लेखन करता है। राम नाम लेखन प्रभु साधना का उत्तम मार्ग है।

उन्होंने कहा कि गौसाईं तुलसीदास ने राम नाम लेखन के महत्व का अति सुंदर वर्णन किया है। उन्होंने राम नाम की महिमा बताते हुए कहा है कि सूर्य, चन्द्रमा और अग्नि का हेतु राम नाम ही है। सूर्य का प्रकाश राम है, चन्द्रमा की शीतलता राम है, अग्नि में से राम निकल जाए तो सिर्फ राख बचती है। इसी तरह शरीर में से राम रूपी आत्मा निल जाए तो मिट्टी का शरीर ही बाकी बचता है।

उन्होंने कहा कि एक हजार बार बोलने के बाराबर एक बार राम लिखने का पुण्य लाभ होता है। धर्मशास्त्रों में भी राम नाम लेखन को श्रैष्ठ माना गया है। इस धरती पर जन्म लेने वाले के केवल राम नाम ही काम आएगा। राम नाम ही परम सत्य है, रावण जैसे राक्षस के मुख से भी अंतिम समय में राम निकला तब उसकी मुक्ति हुई। संसार की मोह माया, बैंक बैलेंस एक दिन सब यही रह जाएंगे, साथ केवल राम का नाम ही जाता है।

इसलिए खाता खुलवाना है तो राम नाम रूपी बैंक में खुलवाओं, ठाकुरजी के इस बैंक में न डाका पडने का डर रहता है न ही चोरी का। उल्टे डेढ गुणा ब्याज रूपी फल मिलता है सो अलग। संसार में मानव जीवन सीमित समय के लिए मिलता है, इस दौरान नित्य राम नाम जरूर लिखें, राम नाम का प्रचार और प्रसार करें। राम भक्त हनुमान ने यह काम बखूबी किया इसलिए वे राम के प्रिय हैं। जो भी राम नाम को अपनाएगा वह हनुमान की तरह भगवान राम का प्रिय बन जाएगा। इतना ही नहीं राम भक्त की रक्षा स्वयं हनुमान करते हैं।

बापू ने एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कलयुग के अधिष्ठाता इस धरा पर उतरे तो वे दीक्षा लेने जगतगुरु रामानंदाचार्य के पास गए। जगतगुरु ने उन्हें दीक्षा दी लेकिन साथ ही एक वचन लिया कि इस धरती पर पर कलयुग के राजा आप है, बस किसी राम भक्त को कभी परेशानी न हो। राम का जो भी स्मरण करें, राम जप करें उन पर कृपा दृष्टि बनी रहे। गोस्वामी जी कहते हैं कि जिनका जन्म कलयुग में हुआ है उनके भवसागर से पार होने का रास्ता सिर्फ राम नाम है। इसलिए राम नाम की आराधना जीवन में करनी चाहिए, राम नाम ही सारी बुराईयों से पार पाने का रास्ता है।

एक बार राम का नाम लिखकर भगवान गणेश प्रथम पूज्य हो गए। सबसे बडे ग्रंथ वेद और सबसे कम पन्नों वाले ग्रंथ हनुमान चालीसा में भी राम की महिमा का बखान मिलता है। इसलिए जिसका जितना मौका और समय मिले उतना अध्ययन कर राम की लगन में मगन हो जाएं। इस अवसर पर चित्रकूट धाम पुष्कर के पाठकजी महाराज का आशर्वाद भी मिला।

समाजसेवियों और राम नाम लेखन करने वाले साधको का सम्मान

इस अवसर पर 84 लाख बार राम नाम का हस्तलेखन करने वाले साधक अजय सिंह चौहान, अनिता बेदकर, नारायण सिंह राठौड, सुशीला माहेश्वरी और सोहनी देवी शर्मा का संस्था की ओर से श्रीफल, श्रीफल भेंट कर तथा शॉल ओढाकर बहुमान किया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवी गोपाल बंजारा, वरिष्ठ पत्रकार प्रताप सनकत, तुलसी सेवा संस्थान के दिनेश शर्मा और किशन बंसल आदि का सम्मान किया गया।

महाआरती के दौरान संयोजक सुनील दत्त जैन, सहसंयोजक कंवल प्रकाश किशनानी, उमेश गर्ग, महेन्द्र जैन मित्तल, डॉ विष्णु चौधरी, शैलेन्द्र सतरावला, विश्वहिन्दू परिषद के महानगर मंत्री लेखराज सिंह राठौड, शशि इंदौरिया, राम नाम बैंक के संस्थापक बालकृष्ण पुरोहित, अशोक टांक, हेमंत तायल, सुरेश शर्मा, हरीश चंदनानी, प्रेम देवलरामानी आदि मौजूद रहे। रमेश मोटवानी, सुमित खेतावत, आनंद प्रकाश अरोडा, गोपाल शशि गुप्ता, हनुमान श्रीया, मनीष कांकाणी, अमित गर्ग यजमान रहे।

सहसंयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा समारोह समिति के तत्वावधान और श्री मानव मंगल सेवा न्यास व श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक के सहयोग से आजाद पार्क में परिक्रमा का आयोजन 15 जनवरी तक रहेगा। परिक्रमा के दौरान सुन्दरकाण्ड पाठ और संतजनों के प्रवचन भी प्रतिदिन होंगे।

राम नाम परिक्रमा का महत्व

राम नाम परिक्रमा के संदर्भ में मान्यता है कि श्रीगौरी शंकर गणेशजी महाराज परिक्रमा कर प्रथम पूज्य हो गए। इसलिए कहा जाता है कि परम पावन मंगलकारी अंकित राम नाम संग्रह मंदिर के दर्शन, परिक्रमा करता हैं, अनन्त अनन्त ब्रह्मांणडों में समस्त पावन तीर्थों की परिक्रमा के समान पुण्य प्राप्त करता है। ऐसी पावन परिक्रमा करने वाले भक्त सदा ही समस्त बन्धनों से छूट जाते हैं। ऐसी ही भावना से प्रतिदिन 108 परिक्रमा पूर्ण करते हुए जो नव दिवसीय यज्ञ पूर्ण करता है वह पूर्व संकलित एवं वर्तमानकृत घोर पापों से तत्काल मुक्त हो जाता हैं। जो भक्त परिक्रमा करने में असमर्थ हों वे भी यदि इन महामंत्रों के दूर से दर्शन कर तथा दण्डवत प्रणाम कर लें तो समस्त देवताओं के पूजन का फल पाता हैं।

भजनों की नृत्यमय प्रस्तुति ने मन मोहा

सोमवार शाम विविधा-अजमेर कत्थक कला केन्द्र की ओर से भगवान राम को समर्पित नृत्य नाटिका ने माहौल को राममय बना दिया। कान्हां काहे भिगोवै बरजोरी चुनरियां मोरी, जय राम रमा रमणं शमनं भवताप भयों कुल पाही जनम, सांझ सवेरे दीप जलाके तेरे द्वार तेरा नाम भजूं, राम चन्द्र कृपालु भज मन हरण भव भय दारूणं, अमरनाथ भोलेनाथ विकल अविकारी, क्या सच है क्या शिव क्या सुंदर भजनों पर कथक नृत्यांगना दृष्टि रॉय एवं साथियों नव्या, जितीशा, शिल्पी चटर्जी, प्रियांशी शर्मा की प्रस्तुति पर भक्तजन भावविभोर हो गए।

बुधवार 3 जनवरी के कार्यक्रम

मध्यान्ह 2ः30 बजे राधे सर्वेश्वर मण्डल के पुष्पा गौड एवं मुकेश गौड व साथियों की ओर से सुन्दरकाण्ड पाठ होगा। शाम 5ः30 बजे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह हनुमान सिंह राठौड़ का उद्बोधन होगा। उद्बोधन के बाद उत्कृष्ठ कार्य करने वाले समाजसेवियों आदि का सम्मान किया जाएगा। महाआरती के बाद शाम 7ः30 बजे भगवान राम को समर्पित वृंदगान में डॉ. नासिर मदनी व उनके शिष्य द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इस कार्यक्रम में महेन्द्र जैन मित्तल, अशोक कुमार टांक, धर्मेश जैन और जगदीश भाटिया यजमान रहेंगे।

ये दे रहे निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं

देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से परिक्रमा स्थल पर एक्यूप्रेशर, प्राकृतिक चिकित्सा, मुद्रा, योग चिकित्सा, रोगों के अनुसार आसन तथा प्रणायाम का निशुल्क परामर्श दिया जा रहा है। भक्तगण परिक्रमा के साथ स्वास्थ्य संबंधी लाभ उठा सकते हैं।

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