मुंबई। तमाम अटकलों के बीच आखिरकार करण जौहर की बहुचर्चित फिल्म ऐ दिल है मुश्किल रिलीज हो गई। इस पूरे विवाद के दौरान करण जौहर के कई ऐसे पहलू सामने आए, जिनका सीधे तौर पर उनके भविष्य से नाता जुड़ जाता है। दिलचस्प ये है कि इन पहलुओं में पाकिस्तानी कलाकारों का मुद्दा अलग हो जाता है।
उरी हमले के बाद देश भर में पाकिस्तान को लेकर विरोध के माहौल ने जब उनकी फिल्म के रिलीज को जोड़ा, तो शुरुआती दौर में वे बेफिक्र नजर आए। शायद वे मानकर चल रहे थे कि विरोध ज्यादा नहीं चलेगा, लेकिन जैसे-जैसे भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर फौजी टकराव बढ़ा और देश में जनता में रोष बढ़ा, तो इस फिल्म को लेकर विरोध बढ़ना लाजिमी था। अगर उरी का हमला न हुआ होता, तो शायद ये फिल्म अजय देवगन की फिल्म शिवाय से मुकाबले को लेकर ही चर्चा में रहती। शिवाय के साथ मुकाबला एक ऐसा मुद्दा था, जिसे लेकर करण जौहर को कभी कोई टेंशन नहीं हुई।
ये मुकाबला करण जौहर के लिए कभी मुद्दा था ही नहीं ।
रिलीज के दस दिनों पहले तक जब राज ठाकरे की पार्टी का रुख सख्त बना रहा, तो करण जौहर और उनकी टीम के पसीने छूटे और यहीं आकर उनकी एक ऐसी गलती सामने आई, जो उनके पूरे कैरेक्टर को बेपरदा करने का काम करती है। मीडिया में जब ए दिल है मुश्किल के विरोध का मामला बढ़ा, तो करण जौहर ने कभी मीडिया के सामने आना जरुरी नहीं समझा। वे सामने आए भी, तो अपने एक वीडियो संदेश के साथ, जिसमें वे एक ऐसे लाचार और मजबूरी के शिकार कारोबारी के तौर पर दिखे, जिसे सिर्फ अपनी फिल्म के नुकसान की चिंता थी। यहां तक कि उन्होंने ये संदेश भी अंग्रेजी भाषा में ही दिया, जबकि अगर वे चाहते, तो इसे वे सीधे तौर पर जनता के साथ बेहतर तरीके से कनेक्ट होते।
यहां मुद्दा भाषा से ज्यादा बालीवुड की उस कड़वी हकीकत का है, जिसमें करण जौहर जैसे मेकर हिंदी फिल्में जरुर बनाते हैं, लेकिन उनकी सोच का हर तार अंग्रेजी सोच से ही जुड़ा है। उनको अंग्रेजी मानसिकता वाले शख्स के तौर पर पहचानना कोई बुरी बात नहीं रह जाती।
इस पूरे विवाद में करण जौहर के बचाव में ऐसे लोग उतरे, जिनके साथ करण जौहर की कभी बनती नहीं थी।
ए दिल है मुश्किल को रिलीज कराने के लिए मुंबई से लेकर दिल्ली तक लड़ाई करने वाले मुकेश भट्ट कुछ सालों पहले तक करण की निगाह में स्तरहीन फिल्में बनाने वाले मेकर होते थे, जिनसे वे कोई वास्ता रखना भी पसंद नहीं करते थे। भला हो आलिया भट्ट का, जिसने करण जौहर को फिर से भट्ट बंधुओं के साथ जोड़ दिया। इस विवाद में एक और मेकर खुलकर उनके साथ आए, वे हैं अनुराग कश्यप, जिनके साथ एक जमाने में करण जौहर का छत्तीस का आंकड़ा हुआ करता था। अनुराग और करण एक दूसरे की फिल्म और सोच को लेकर एक दूसरे का मजाक उ़ड़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे।