अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय ना हो यानी जो कभी नष्ट ना हो। अक्षय तृतीया का पावन पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार 18 अप्रैल, बुधवार को अक्षय तृतीया है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका अनेक गुना फल मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीय के दिन सोना खरीदने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है और सोने की मात्रा घर में बढ़ती जाती है।
दान से भी बढ़ती सुख-स्मृद्धि
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन दान अवश्य करें। दान करने से आपका आने वाला समय अच्छा होगा। जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होंगी और सुख-समृद्धि बढ़ेगी। पुराणों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन पितरों के लिए किया गया पिंडदान या कोई भी दान भी अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद पूजन और दान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
यह है पौराणिक मान्यता
भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि का विशेष महत्व है। सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है। इस दिन बिना पंचांग देखे भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि किए जा सकते हैं।
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