आज खास : नवप्रणय निवेदन और अखंड सुहाग का प्रतीक ‘करवा चौथ’

    व्रतेन दीक्षामाप्नोति दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम्। दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति श्रद्धया सत्यमाप्यते।। अर्थ : व्रत धारण करने से मनुष्य दीक्षित होता है। दीक्षा से उसे दक्षता, निपुणता प्राप्त होता है। दक्षता की प्राप्ति से श्रद्धा का भाव जागृत होता है और श्रद्धा से ही सत्यस्वरूप ब्रह्म की प्राप्ति होती है। भारतीय संस्कृति का यह लक्ष है कि, जीवन … Continue reading आज खास : नवप्रणय निवेदन और अखंड सुहाग का प्रतीक ‘करवा चौथ’